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पौराेहित्य में क्रियात्मक विधि आवश्यक: महेन्द्र पाठक

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 पौराेहित्य में क्रियात्मक विधि आवश्यक: महेन्द्र पाठक

खुटहन, जौनपुर। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् लखनऊ के निदेशक विनय श्रीवास्तव के निर्देशन में सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में पौराेहित्य प्रशिक्षण केन्द्रों का उद्घाटन ऑनलाइन/ऑफलाइन विधि से सम्पन्न हुआ। इसी क्रम में संस्थान के मुख्य मार्गदर्शक योजना सर्वेक्षक महेन्द्र पाठक ने कहा कि "पौराेहित्य प्रशिक्षण में क्रियात्मक विधि भी अपनायें जिससे प्रशिक्षणार्थियों को और अधिक ज्ञान की प्राप्ति हो सके। इसी क्रम में दिनेश मिश्र (वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी), जगदानन्द झा (प्रशासनिक अधिकारी), भगवान सिंह चौहान, दिव्यरंजन (प्रशिक्षण समन्वयक), धीरज मैठाणि (प्रशिक्षण समन्वयक), राधा शर्मा (प्रशिक्षण समन्वयिका), शिवम गुप्ता (कार्यालय सहायक), शान्तनु मिश्र (कार्यालय सहायक) उपस्थित रहे।

इसी क्रम में स्थानीय क्षेत्र में स्थित डा. तारूणीकान्त शिक्षा निकेतन केन्द्र पर प्रबंधक देवेश उपाध्याय की अध्यक्षता हुये कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सूबेदार उपाध्याय (अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक खुटहन) एवं विशिष्ट अतिथि प्रेम नारायण त्रिपाठी (समाजसेवी) ने मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण, पूजन एवं दीप प्रज्वलन किया। खुटहन केन्द्र के प्रशिक्षक आचार्य डॉ. अखिलेश चन्द्र पाठक ने कहा कि सभी प्रशिक्षणार्थी समय से प्रशिक्षण में उपस्थित होकर ज्ञान प्राप्त करें। इस अवसर पर शिवेन्द्र सिंह (अध्यापक), नितिन उपाध्याय (अध्यापक) सहित प्रशिक्षणार्थीगण आलोक पाण्डेय, सौरभ चौबे, आलोक पाठक, संदीप मिश्र आदि उपस्थित रहे।

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