31 निरंकारी भक्तों ने पूर्ण उत्साह के साथ किया रक्तदान
मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की प्रेरणा से संत निरंकारी मिशन की सामाजिकशाखा, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन ने संत निरंकारी सत्संग भवन मुंगराबादशाहपुर में रक्तदान शिविर आयोजित किया। शिविर का शुभारंभ नगर पालिका अध्यक्ष कपिलमुनि ने फीता काटकर किया। शिविर में संत निरंकारी सेवादल के भाई बहन, साध संगत के महात्मा, वह अनेक स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक रजिस्ट्रेशन कराकर रक्तदान किया। प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक चले रक्तदान शिविर में 31 रक्तदाताओं ने स्वेच्छापूर्वक सम्मिलित होकर पूरे जोश एवं उत्साह के साथ रक्तदान किये। शिविर विशेष रूप से केंद्र बिंदु रहा जहां श्रद्धालु अधिक संख्या में सम्मिलित हुए। सभी ने पूर्ण उत्साह और समर्पण के साथ स्वेच्छा भाव से रक्तदान करके मानव कल्याण में अपना सहयोग दिये।
इस मौके पर अशोक सचदेव (जोनल इंचार्ज जौनपुर प्रयागराज) ने कहा कि रक्तदान एक ऐसा सामाजिक कार्य है जो जाति धर्म और पहचान से परे जाकर मानवीय मूल्यों को दर्शाता है। रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं, यही मिशन का संदेश है। सतगुरु ने यह अमर संदेश देकर रक्तदान को मिशन की आध्यात्मिक सेवा का अभिन्न अंग बना दिया। यह संदेश आज भी प्रत्येक निरंकारी भक्त के हृदय में सेवा और समर्पण की प्रेरक लौ बनकर जीवंत है। शिविर में शामिल भक्तों ने रक्तदान के साथ-साथ सत्संग का भी आनंद लिया। आज संसार में अन्नदान, धन दान तो बहुत हो रहा है पर रक्तदान नहीं, रक्तदान महादान है।
उन्होंने आगे कहा कि जनपद के इतिहास में शाखा मुंगराबादशाहपुर में यह पहली बार रक्तदान शिविर लगा है। रक्तदान भक्ति का अंश बन गया है। जिस प्रकार धन के दान से धन नहीं घटता, उसी प्रकार रक्तदान करने से शरीर में रक्त भी नहीं घटता। ये निरंकारी संत निस्वार्थ से स्वेच्छा से अपना रक्तदान करके सही मायने में जीवन दान दे रहे हैं। रक्तदान प्रतीक है प्राकृतिक एकता और विश्व भाईचारे का, संत दूसरों का खून नहीं बहाते, बल्कि उन्हें अपना खून देकर जीवनदान देते हैं।
कार्यक्रम में जिला अस्पताल के डा. अरुण सिंह सहित उनकी पूरी टीम मौजूद थी। पूर्ण स्वास्थ्य जांच, स्वच्छता का विशेष ध्यान और रक्तदाताओं के लिए उत्तम जलपान व्यवस्था ने इस सेवा को और भी व्यवस्थित एवं सम्मानजनक बनाया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय निरंकारी सेवादल का भरपूर योगदान रहा जिसमें संयोजक व संचालक भी मौजूद रहे।