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सत्संग में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म की आलोचना नहीं की जाती: पंकज महाराज

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 सत्संग में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म की आलोचना नहीं की जाती: पंकज महाराज

मड़ियाहूं, जौनपुर। शाकाहार-सदाचार मद्य निषेद्य आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा जौनपुर में गतिमान है। इसी क्रम में सन्त बाबा जयगुरुदेव जी के उत्तराधिकारी सन्त पंकज जी महाराज अपनी धर्म यात्रा के साथ 59वें पड़ाव विकास खण्ड मड़ियाहूं के सराय कालीदास प्राथमिक विद्यालय के सामने बगीचे मईडीह में पधारे। इस मौके पर आयोजित सत्संग में उन्होंने कहा कि सन्तों—महात्माओं के सत्संग में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म की आलोचना नहीं की जाती है, बल्कि यहां तो प्रभु की प्रेरणा दी जाती है। सन्त महात्मा फकीर समदर्षी होते हैं और सबकी भलाई का काम करते हैं। जैसे हम आप अपने जीवन में शब्द का प्रयोग करते, चाहे हम शिक्षित या अशिक्षित हों।

उन्होंने आगे कहा कि इसी प्रकार इस सृष्टि से अलग दैवी लोकों में आने-जाने के लिये शब्द (नाम) माध्यम है। सारी आत्मायें शब्द पर जो बाहर के कानों से नहीं सुनाई देता है, आत्मा में विराजमान तीसरे कान से सुनाई देता है। यह भारत का असली सनातन रास्ता है जिसे हम भूल गये। उसी को याद करने और आत्मा को रूहानी शब्द से जोड़ने का काम सन्त करते हैं, इसलिये आप अपनी जीवात्मा के कल्याण के लिये प्रभु की प्राप्ति करने वाले सन्त, महात्मा, फकीर की तलाश करें। बाबा जयगुरूदेव जी ने आवाज लगाई कि इन्सानों तुम अपने मानव धर्म पर वापस आ जाओ। इस मनुष्य मन्दिर में बैठकर भगवान की सच्ची पूजा करो, ताकि आपकी आत्मा नर्कों में जाने से बच जाय।
इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, बालेन्द्र मिश्र, शिव प्रकाश यादव 'संकेत', श्याम यादव, चन्द्र प्रकाश जायसवाल, लालचन्द पाल, गुलाब विश्वकर्मा, राजाराम, साहबदीन, सहयोगी संगत बस्ती के राम उजागिर चौधरी, जगन्नाथ शर्मा, सन्तराम विश्वकर्मा, सुभाष सहित तमाम लोग मौजूद थे। कार्यक्रम के बाद जनजागरण यात्रा अगले पड़ाव सुदनीपुर के लिये प्रस्थान कर गयी।

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