बायोटेक्नोलॉजी की मदद से पकड़े जा सकते हैं अपराधीः प्रो. एनबी

 बायोटेक्नोलॉजी की मदद से पकड़े जा सकते हैं अपराधीः प्रो. एनबी

मशरूम उत्पादन से किसान हो सकते हैं समृद्धः प्रो. एमपी
सिद्दीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय संकाय भवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में व्याख्यानमाला के अंतर्गत विज्ञान विषय के विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिये। मैरीलैंड विश्वविद्यालय यूएसए के रसायन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रो. एनबी सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर प्रयोग हो रहा है। सैनिकों के सुरक्षा कवच ऐसे तैयार किए जा रहे हैं कि वह उपकरणों के द्वारा ना चिन्हित किए जा सके। ऐसी तकनीक का विकास हो गया है जिससे मिसाइल को गंतव्य स्थल जाने से फ्रीक्वेंसी के माध्यम से रोका जा रहा है। चेहरे पर किसी प्रकार के परिवर्तन पर अपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों को बायो टेक्नोलॉजी की मदद से पकड़ा जा रहा है। इसी क्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रो. एमपी सिंह ने मशरूम उत्पादन के संबंध में विद्यार्थियों से विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि किसानों को मशरूम उत्पादन की जानकारी देकर आर्थिक समृद्ध किया जा सकता है। इसका उत्पादन बहुत ही सरल तरीके से होता है। उन्होंने विविध प्रकार के मशरूम के बारे में भी बताया। कार्यक्रम का संचालन डा. मनीष गुप्ता एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. राजेश शर्मा ने किया। विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रो. राम नारायण ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ एसपी तिवारी, डा. विवेक पांडेय, रिसीव श्रीवास्तव, इशानी नाहिदा, मधुमिता रोशन समेत विज्ञान संकाय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।



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