सोमवार को बाबा महाकाल की कार्तिक की पहली सवारी, रविवार को दो लाख भक्तों ने किए दर्शन


 सोमवार को बाबा महाकाल की कार्तिक की पहली सवारी, रविवार को दो लाख भक्तों ने किए दर्शन


Bharatka news:ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में दीपावली के बाद आस्था का सैलाब उमड़ने लगा है। रविवार को देशभर से आए करीब दो लाख भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। कार्तिक-अगहन मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में मनमहेश रूप में सवार होकर तीर्थ पूजन के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट जाएंगे।

कार्तिक मास में भगवान महाकाल की पहली सवारी

महाकाल मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना के बाद शाम 4 बजे सवारी की शुरुआत होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी अवंतिकानाथ को सलामी देगी। इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा। बता दें, इस बार कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारी निकलेंगी।

भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ अधिकारियों के साथ श्री महाकाल महालोक व मंदिर में विभिन्न पाइंटों पर व्यवस्था बनाने पहुंचे। उन्होंने मंदिर कर्मचारी व सुरक्षाकर्मियों को दर्शनार्थियों के साथ सद्व्यवहार करने तथा सुविधाओं का ध्यान रखते हुए व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।

दीपावली के बाद बढ़ते हैं श्रद्धालु

दीपावली महापर्व संपन्न होने के बाद प्रतिवर्ष गुजरात, महाराष्ट्र तथा देश के अन्य प्रदेशों से हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आते हैं। इस बार भी शनिवार से दर्शनार्थियों का उज्जैन पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था।

रविवार को भाईदूज व अवकाश का दिन होने से स्थानीय के अलावा आसपास के शहरों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। ऐसे में तड़के 4 बजे भस्म आरती से ही जनदबाव बना हुआ था। भस्म आरती में 10 हजार से अधिक भक्तों ने चलायमान दर्शन किए। इसके बाद से लगातार दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती गई।

प्रशासक ने लिया दर्शन व्यवस्था का जायजा

दोपहर में प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ अधिकारियों के साथ दर्शन व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने फैसिलिटी सेंटर के जिगजेग, महाकाल टनल तथा महाकाल महालोक में विभिन्न पाइंटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों को मुस्तैद रहने तथा निर्धारित द्वारों से अधिकृत लोगों को ही प्रवेश देने के निर्देश दिए।

प्रशासक ने कहा कि किसी के दबाव में नहीं आएं तथा अनाधिकृत प्रवेश को सख्ती से रोकें। आम भक्तों से अच्छा व्यवहार करें, भक्तों को सुविधापूर्वक दर्शन कराएं तथा उनकी परेशानियों का उचित निराकरण करें। आवश्यकता पड़ने पर वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन भी ले सकते हैं। अभी एक सप्ताह तक भीड़ की स्थिति बनी रहने का अनुमान है।


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