नगर पालिका, जिला प्रशासन और बिजली विभाग की घोर लापरवाही, निष्पक्ष जांच एवं कार्यवाही की मांगजौनपुर। नगर के मछलीशहर पड़ाव पर हुई दुःखद घटना ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। नाले में गिरने और बिजली के करंट से 3 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने न केवल शोक की लहर फैला दी है, बल्कि नगर पालिका, जिला प्रशासन और बिजली विभाग की घोर लापरवाही को भी उजागर किया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं है, बल्कि संबंधित विभागों की अनदेखी का नतीजा है। यदि नाले की उचित साफ-सफाई और रख—रखाव किया गया होता और बिजली के खुले तारों को सुरक्षित किया गया होता तो इन तीन जिंदगियों को बचाया जा सकता था।
इस दुखद घटना के बाद धर्म रक्षा आंदोलन के संयोजक चन्द्रमणि पाण्डेय ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग किया। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी कोई संवेदनशीलता नहीं दिखा रहे हैं और जांच की जिम्मेदारी भी उन्हीं अधिकारियों को सौंपी गई है जिनकी लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। आशंका व्यक्त करते हुये कहा कि इस जांच का उद्देश्य दोषियों को बचाना है, न कि उन्हें सजा दिलाना। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस मामले की जांच किसी निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआई से करायी जाय।
पत्र में यह भी मांग की गयी कि इस हृदयविदारक घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जाय और उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाय। ऐसा इसलिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और जनता का प्रशासन पर विश्वास बहाल हो सके। यह घटना दर्शाती है कि सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर सरकारी विभागों में कितनी लापरवाही बरती जा रही है। अब देखना यह है कि क्या सरकार इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करती है या यह मामला भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जायेगा? ज्ञापन देने वालों में कैलाश नाथ मिश्र, प्रमोद पाण्डेय, राम बहाल यादव, विजय प्रकाश मिश्र, दिनेश सरोज, भगवन्त सिंह, विनय उपाध्याय, सभा नारायण चौबे, जगदीश पाठक, नन्द लाल रावत आदि प्रमुख रहे।