श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम तो श्रीकृष्ण लीला पुरुषोत्तम: डा. मदन मोहन
श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन लेदुका बाजार में उमड़ी भक्तों की भीड़नौपेड़वा, जौनपुर। बक्शा विकास खण्ड के लेदुका बाजार में स्थित श्रीराम जानकी मन्दिर के प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भभागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ एव श्रीराम कथा के अंतिम दिन वाराणसी से पधारे मानस कोविद डॉ. मदन मोहन मिश्र ने कहा कि श्रीकृष्ण व श्रीराम के काल में बहुत बड़ा अंतर है। भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम तो श्रीकृष्ण लीला पुरुषोत्तम कहलाए। श्रीराम ने जो किया, वह अनुकरणीय है परन्तु श्रीकृष्ण ने जो किया, वह आदरणीय है।
श्री मिश्र ने आगे कहा कि परमात्मा को कम लोग चाहते है परन्तु परमात्मा से हम चाहते ज्यादा है। द्रोपती की दीनता, प्रहलाद की प्रार्थना एवं कलि की गुहार सुन भगवान नंगे पैरों दौड़े चले आये। जुआ व शराब को परम्परा के रूप में नही अपनाना चाहिए। यह संसार मायका है। परमात्मा ही पति है। ऐसे में ईश्वर को प्राप्त करना आसान नहीं है। उन्हें एक साधक ही प्राप्त कर सकता है।
वाराणसी से पधारीं मानस कोकिला डॉ. सुधा पाण्डेय ने कहा कि कोशिश करिये कि जीवन जिस आत्मा में जीवात्मा हनुमान जैसी आत्मा परमात्मा राम के गोद में चली, उससे बड़ा सुख कहां प्राप्त होगा? कथा समापन के उपरांत शिक्षक जयशंकर दूबे के सानिध्य में प्रसाद वितरित किया गया। संचालन उपेन्द्र उपाध्याय किया तो आभार आयोजक राजनाथ सेठ ने जताया।
कथा श्रवण के दौरान प्रो. देवेन्द्र नारायण मिश्र, विभव प्रकाश पाठक, दिनेश पाठक, रघुवंशमणि तिवारी, लालजी तिवारी, डॉ. ध्रुव नारायण मिश्र, राजेन्द्र शुक्ल, घनश्याम तिवारी, डॉ. धीरज सेठ, महेन्द्र तिवारी, राजनाथ यादव, संतोष अग्रहरि, शिवा सोनी, बबलू साहू, डॉ. सुभाष तिवारी, महात्मा शुक्ल, पवन मोदनवाल सहित सैकड़ों भक्तजन मौजूद रहे।