30 लाख से अधिक शिक्षक एवं उनके परिवार आ सकते है संकट में :यूटा अध्यक्ष संजय सिंह
जिलाधिकरी के माध्यम से पीएम मोदी को यूटा द्वारा सौपा गया ज्ञापन
Bharatka news: यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा ) के जिला अध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व में प्रधानमंत्री भारत सरका
र नई दिल्ली को जिलाधिकारी जनपद जौनपुर के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया जिसमें उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 1 सितंबर 2025 के माध्यम से टीईटी लागू होने से पूर्व के नियुक्त शिक्षकों के लिए भी टेट उत्तीर्ण की बाध्यता होने विषयक प्रकरण को लेकर संशोधित अधिनियम जारी करने तथा न्यायालय में प्रभावी कार्यवाही किए जाने हेतु ज्ञापन प्रेषित किया गया।
उक्त के संबंध में सादर अवगत कराना है कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा 1 सितंबर 2025 को देश के लाखों शिक्षकों जिनकी सेवा के 20 25 वर्ष बीत चुके हैं, को भी आगामी 2 वर्ष में परीक्षा उत्तीर्ण न कर पाने वाले शिक्षकों को सेवा से विरत करने की बात भी कही है ऐसी स्थिति में देश की 30 लाख से अधिक शिक्षक एवं उनके परिवार के सामने जीवन यापन का संकट दिखाई देने लगा है।
ज्ञातव्य है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 23(1) वो23(2) में अधिनियम लागू होने की तिथि 23 अगस्त 2010 के पूर्व के नियुक्त शिक्षकों को टेट उत्तीर्ण करने का निर्देश नहीं दिया गया है। NCTE ने 23 अगस्त 2010 को शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारित की है इसके अंतर्गत प्रशिक्षण के अतिरिक्त टीईटी को भी अनिवार्य बनाया गया किंतु इसी अधिसूचना की धारा 4 में यह प्रावधान किया गया की 23 अगस्त 2010 के पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की आवश्यकता नहीं है।
आरटीई के संशोधन अधिनियम 2017 में 31 मार्च 2015 को नियुक्त या कार्यरत सभी शिक्षक जिनके पास आरटीई एक्ट की धारा 23(1) के अनुसार न्यूनतम अर्हता नहीं है को 4 वर्ष के अंदर योग्यता प्राप्त करने लेने हेतु निर्देशित किया गया जबकि आरटीई एक्ट की धारा 23(1) के अनुसार 23 अगस्त 2010 के पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की आवश्यकता नहीं है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में यह स्पष्ट है कि 23 अगस्त 2010 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखा गया है जबकि माननीय उच्च न्यायालय के 1 सितंबर 2025 के आदेश में समस्त शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण किए जाने के आदेश दिए गए हैं तथा 2 वर्ष में टेट उत्तीर्ण न करने पर सेवा समाप्ति की भी बात की गई है।
जिलाधिकारी महोदय को यह बताया गया कि 30 लाख से अधिक शिक्षकों एवं उनके परिवार भविष्य को ध्यान में रखते हुए आरटीई प्रभावित होने से पूर्व के नियुक्त प्रशिक्षित शिक्षकों को टीईटी से मुक्ति हेतु संशोधित अधिनियम जारी करवाने हेतु प्रधानमंत्री जी को उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने हेतु
संबंधित को निर्देशित करने का कष्ट करें जिस पर जिलाधिकारी महोदय ने हम सभी को आस्वस्त किया कि आप सभी का ज्ञापन मै v प्रधानमंत्री जी को भेज दूंगा।
इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्रेश यादव जिला मंत्री लक्ष्मी नारायण तिवारी कोषाध्यक्ष डॉ आशीष सिंह संयुक्त मंत्री प्रदीप कुमार सिंह, महिला उपाध्यक्ष निशा मिश्रा अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह, विकास कुमार सिंह,श्री कृष्णा पांडे, प्रमोद कुमार शुक्ला, आनंद सिंह, प्रदीप सिंह, संतलाल जी, विनोद कुमार सिंह, सरोज कुमार सिंह, अजय मिश्रा जी, जितेंद्र मिश्रा, राजेश यादव, विजय बहादुर यादव, प्रभाकर उपाध्याय, डॉ विपिन मिश्रा, सतीश सिंह,, रामकुमार माली, अनीश सिंह,रविंद्र सिंह ( घप्पू )यशवंत सिंह, राय साहब सिंह, आनंद सिंह, संजय सिंह, रमेश सिंह, राय साहब सिंह, शैलेंद्र सिंह, रजनीश सिंह, अमिता उपाध्याय, दीपक वर्मा, जय प्रकाश यादव, वरुण यादव, दिवाकर भारतीय, हैदर मेहदी,, अतिकुर रहमान, लक्ष्मण पाठक, वीरेंदर सिंह,पद्मिनी यादव, अनीता गुप्ता,प्रगति दुबे,वंदना सोनी, गजाला अंजुम, ममता चांदनी, प्रियंका सिंह, पूजा पाण्डेय, प्रतिभा तिवारी
आदि लोग उपस्थित रहे।