जब विचार बदलेंगे, तब आयेगा सतयुग: पंकज महाराज
संत जी ने कहा कि बुरे कर्म करने वाले जीवों को नर्क की यातनाएं भोगनी पड़ती हैं। गरुण पुराण में छत्तीस प्रकार के नर्कों का वर्णन मिलता है जिनकी भयावह यातनाएँ सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह गूढ़ आध्यात्मिक विज्ञान है जिसे केवल संत-महात्माओं की कृपा से ही जाना जा सकता है। यदि इस जीवन में आत्मकल्याण न किया तो मनुष्य शरीर दुबारा पाना कठिन है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का चरित्र ही उसका सच्चा गौरव है। यही परिवार, समाज और राष्ट्र को शांति और शक्ति प्रदान कर सकता है। आज की अशांति तभी मिटेगी जब लोग अपना चरित्र सुधारेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि लोग अपने खान-पान को शुद्ध करें। मांस, मछली, अंडे, शराब, भांग जैसे नशे मन, चित्त और बुद्धि को विकृत कर देते हैं। हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव जी ने वैचारिक और आध्यात्मिक क्रांति का सूत्रपात किया जिससे करोड़ों लोगों ने अपना जीवन सुधारा। हम उनके लोक-परलोक हितकारी संदेशों को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं।
पंकज जी महाराज ने कहा कि जब गांव-गांव के लोग शाकाहारी और नशा मुक्त होंगे तथा मां-बहन-बेटी की पहचान को हृदय में जीवित रखेंगे तभी रामराज्य-सतयुग का आगमन होगा। परिवर्तन तभी संभव है जब लोगों के विचार बदलेंगे। जानकारी दी कि आगरा-दिल्ली बाईपास मथुरा स्थित वरदानी जयगुरुदेव मंदिर में 28 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक पांच दिवसीय पावन वार्षिक भंडारा सत्संग मेला आयोजित होगा। यहां लोग अपनी बुराइयाँ चढ़ाकर मनोकामनाओं की पूर्ति कर रहे है।
कार्यक्रम के दौरान शांति व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग दिया। इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, बालेन्द्र मिश्रा, लीलावती देवी, बांके लाल यादव, अशोक विश्वकर्मा, झिनकू मौर्य, रमजू प्रजापति, मीरजापुर से सहयोगी संगत घूरन प्रसाद, सरजू प्रसाद, जयेन्द्र सिंह एडवोकेट सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। सत्संग के उपरांत संत पंकज जी महाराज की जनजागरण यात्रा अगले पड़ाव धरौरा रक्ल, नई बाजार ब्लाक केराकत के लिए रवाना हो गई।