दादाजी हमेशा कहा करते थे — सेवा और शिक्षा ही समाज की सबसे बड़ी ताकत: विकेश उपाध्याय
सेवा और शिक्षा की मिसाल: पूर्व विधायक डॉ. रामकृष्ण उपाध्याय की पुण्यतिथि पर पौत्र विकेश उपाध्याय ने बच्चों में बांटे स्कूल बैग और ड्राइंग बॉक्स
जौनपुर।
जौनपुर जनपद के रामनगर ब्लॉक के औरा गांव में आज सेवा और शिक्षा की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली।
कांग्रेस के युवा नेता विकेश उपाध्याय ने अपने परम पूज्य दादाजी व क्षेत्र के पूर्व विधायक डॉ. रामकृष्ण उपाध्याय की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बच्चों को स्कूल बैग और ड्राइंग बॉक्स वितरित किए।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे और सभी ने डॉ. उपाध्याय के योगदान को याद किया।
विकेश उपाध्याय ने कहा—
> “आज उनकी पुण्यतिथि पर हमने यह छोटा सा प्रयास किया है ताकि उनकी सोच और सेवा भावना को आगे बढ़ाया जा सके।”
पूर्व विधायक डॉ. रामकृष्ण उपाध्याय का जीवन समाजसेवा और जनहित को समर्पित रहा।
उन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया और जनता के बीच रहकर हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया।
उनकी पुण्यतिथि पर उनके पौत्र विकेश उपाध्याय ने शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाते हुए बच्चों के बीच स्कूल सामग्री वितरित की।
इस पहल का उद्देश्य बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ाना और डॉ. उपाध्याय के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाना था।
बच्चों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी — यह पहल न केवल श्रद्धांजलि थी बल्कि भविष्य के लिए उम्मीद की किरण भी बनी।
गणमान्य अतिथियों की रही उपस्थिति
कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री राजेश सिंह,
अरविंद शुक्ला (जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ),
सुभाष गुप्ता (BEO),
दीपक उपाध्याय (पत्रकार, अमर उजाला),
डॉ. देवब्रत उपाध्याय (MDS),
आशीष उपाध्याय (तड़का रेस्टोरेंट),
हिमाचल उपाध्याय तथा विद्यालय के अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित रहे।
सभी अतिथियों ने बच्चों को देश का भविष्य बताते हुए कहा कि शिक्षित और संस्कारित समाज ही सच्चे विकास की नींव रख सकता है।
श्रद्धांजलि के साथ समाजसेवा का संदेश
कार्यक्रम के समापन पर विकेश उपाध्याय ने कहा कि
> “दादाजी हमेशा कहा करते थे — सेवा और शिक्षा ही समाज की सबसे बड़ी ताकत है।
हम उन्हीं की राह पर चलते हुए उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं।”
डॉ. रामकृष्ण उपाध्याय की पुण्यतिथि पर आयोजित यह आयोजन समाज में शिक्षा, सेवा और संस्कार की भावना को जीवंत करने वाला रहा।
जौनपुर से कृष्णा यादव की रिपोर्ट।