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फातिमा जहरा की शहादत पर चार रोजा मजलिसों का हुआ आगाज

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 फातिमा जहरा की शहादत पर चार रोजा मजलिसों का हुआ आगाज

जौनपुर। जामिया इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम बेगमगंज में हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) की शहादत की याद में आयोजित चार रोज़ा मज़लिसों का आग़ाज़ ग़मगीन माहौल में हुआ। इस सिलसिले की पहली मज़लिस का आग़ाज़ तिलावत-ए-क़ुरआन से हुआ जिसके बाद मौलाना काज़िम मेहदी उरूज ने मज़लिस को खिताब किया।

इस मौके पर मौलाना ने हज़रत फ़ातिमा ज़हरा की सीरत, इस्लामी समाज में उनके किरदार और अहलेबैत अलै. की तालीमात को आज की ज़िन्दगी में अपनाने की ज़रूरत पर तफ़सील से रौशनी डाली। साथ ही कहा कि हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) की ज़िन्दगी इंसानियत के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है जिसमें सबक़ है कि इंसाफ़, सब्र और अज़्म से हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है।
मजलिस से पहले सोज़ख़ानी एहतिशाम जौनपुरी ने अंजाम दी जिन्होंने रिवायती अंदाज़ से सोज़ के ज़रिए माहौल को ग़मगीन कर दिया। वहीं पेशख़ानी अख़्तर एजाज़ जलालपुरी ने की जिन्होंने हज़रत फ़तिमा की यादों को ताज़ा किया। मजालिस के आयोजक मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी ने बताया कि मज़लिसों का सिलसिला चार रोज़ तक जारी रहेगा जिसमें नामवर ख़तीब हज़रत फ़ातिमा ज़हरा की ज़िन्दगी और उनके पैग़ाम पर रोशनी डालेंगे।
इस अवसर पर मौलाना रज़ा अब्बास खान, मौलाना मोहसिन, मुलाना आसिफ़ अब्बास, मौलाना शाजान ज़ैदी, मौलाना अहमद अब्बास, मौलाना शौकत नरवारी, लाडले ज़ैदी, अज़ीज़ हैदर हेलाल, सैय्यद हसन मेंहदी, मौलाना आरिफ़, मोहमद अब्बास समर, खादिम अब्बास, आरिफ़ हुसैनी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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