खसरे की बीमारी को हल्के में नहीं लें, नहीं तो जा सकती है जान
bharatka news:नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। खसरे ने बच्चों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। पूरे देश में खसरे से पीड़ित बड़ी संख्या में बच्चे हैं। इंदौर में भी यह संख्या कम नहीं। यह एक तरह का वायरस है, जो उन बच्चों में जल्दी फैलता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। खसरे से बचने का एकमात्र बचाव वैक्सीन है। किंतु अब भी कई लोग इस बीमारी को लेकर जागरूक नहीं हैं। कई लोग आज भी इसे दैवीय प्रकोप मानते हैं और समय पर इसका इलाज नहीं करवाते। इससे बच्चों की जान भी जा सकती है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डा. तरुण गुप्ता ने बताया कि लोगों को सबसे पहले वैक्सीन लगाने के लिए जागरूक होना चाहिए। साथ ही जो भी खसरे से पीड़ित व्यक्ति हो, उसके संपर्क से दूर रहना चाहिए। यह वायरस हवा में फैलता है। खसरा रेस्पिरेटरी सिस्टम को संक्रमित करता है और बाद में धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल सकता है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में खसरे के कारण जटिलताएं होने की आशंका भी अधिक होती है।
लक्षण दिखें तो लापरवाही ना करें
तेज बुखार, शरीर में लाल दाने आना, आंखें लाल होना आदि खसरे के लक्षण हैं। यदि ऐसा कोई भी लक्षण पाया जाए तो लापरवाही ना बरतते हुए विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। कई बार इसे नजरअंदाज करना निमोनिया जैसी बीमारियों का भी कारण बन सकता है। यदि कोई व्यक्ति खसरे से संक्रमित है, तो उसे दूसरों के संपर्क में नहीं आना चाहिए। बाहर का खाना, जंक फूड, मसालेदार खाने आदि के सेवन से बचना चाहिए।
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