तीसरे दिन चन्द्रघण्टा स्वरूप में भक्तों ने किया दर्शन-पूजन
माता रानी के जयकारों एवं घण्टे—घड़ियालों की गूंज से वातावरण हुआ भक्तिमयचौकियां धाम, जौनपुर। शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन चन्द्रघण्टा स्वरूप में भक्तों ने मां शीतला का किया दर्शन-पूजन। मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। मां चंद्रघण्टा देवी साधकों को धैर्य, ताकत और मन की शांति देती हैं। मां के मस्तक पर अर्धचंद घंटी के जैसे आधा चांद होता है, इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरूप को चंद्रघंटा कहा जाता है। उनका रूप बहुत ही तेजस्वी और शक्तिशाली होता है। वे युद्ध की मुद्रा में होती हैं। मां के दस हाथ होते हैं जिनमें अलग-अलग हथियार और कमल का फूल होता है और उनका वाहन शेर है, जो साहस और वीरता का निशान है। प्रातःकाल मन्दिर के कपाट खुलने के पश्चात माता रानी का भव्य श्रृंगार करके मंदिर के पुजारी चंद्रदेव पंडा ने आरती पूजन किया। भक्तों की लंबी कतार माता रानी के दर्शन पूजन के लिए लगी थी। कतार में खड़े होने दर्शनार्थी बारी—बारी से दर्शन पूजन करते नज़र आये। हवन पूजन एवं माता रानी के जयकारों से सारा वातावरण भक्तिमय हो गया। माता रानी के दर्शन पूजन करने के पश्चात भक्तजन पवित्र कुण्ड के बगल में स्थित बाबा काल भैरवनाथ एवं मां काली मंदिर में दर्शन पूजन किये। सुरक्षा की दृष्टि से मन्दिर परिसर क्षेत्र में शीतला चौकियां चौकी प्रभारी ईश चन्द्र यादव सहयोगी जवानों के साथ मौजूद रहे।