Pitra Paksha पर पितरों की शांति के लिए करें तर्पण और दान, पढ़ें किस तिथि को कौन सा श्राद्ध
Bharatka news:
भाद्रपद पूर्णिमा पर रविवार से महालय श्राद्ध पक्ष का आरंभ हो गया है। तिथि क्षय होने के कारण इस बार श्राद्ध पक्ष 16 की बजाय 15 दिन का रहेगा। इस बार महालय का आरंभ चंद्र ग्रहण के साए में हो रहा है।रविवार को रात 9 बजाकर 56 मिनट पर चंद्र ग्रहण लगेगा। इसका सूतक दोपहर 12 बजाकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगा। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार ग्रहण के वेधकाल में मूर्ति स्पर्श, पूजा पाठ और निषेध माना जाता है, इसलिए सूतक लगने से पहले तीर्थ श्राद्ध तथा घरों में पितरों के निमित्त धूप ध्यान कर लेना चाहिए।
- ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया रविवार को कुंभ राशि के चंद्रमा, शततारका नक्षत्र तथा सुकर्मा योग की साक्षी में महालय श्राद्धपक्ष का आरंभ हो रहा है। शततारका नक्षत्र सौ प्रकार के तापों से मुक्ति दिलाने वाला और सुकर्मा योग श्राद्ध का सौ गुना शुभफल प्रदान करने वाला माना गया है, इसलिए घर परिवार में सुख, समृद्धि, वंश वृद्धि, बाधाओं से निवृत्ति के लिए श्राद्धपक्ष में अपने पितरों का श्राद्ध करना चाहिए।
- रविवार को पूर्णिमा पर प्रथम दिन पितरों को धूप, ध्यान अवश्य प्रदान करें। श्राद्ध में ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, स्वर्ण, गौ दान करने और भोजन कराने का विशेष महत्व है। उसके बाद भेंट दक्षिणा प्रदान कर पितरों की पदवृद्धि तथा मोक्ष की प्रार्थना करने से पितृ प्रसन्न होकर वंशजों को सुख, समृद्धि, वंश वृद्धि, आयु आरोग्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। श्राद्ध में सूर्य को जल, गाय को घास, श्वान को रोटी, भिक्षुकों को भोजन अवश्य कराएं।
किस तिथि को कौन सा श्राद्ध
- 7 सितंबर: दोपहर 12.50 बजे तक पूर्णिमा का श्राद्ध
- 8 सितंबर: प्रतिपदा का श्राद्ध
- 9 सितंबर: द्वितीया का श्राद्ध
- 10 सितंबर: तृतीया का श्राद्ध
- 11 सितंबर: चर्तुथी का श्राद्ध, कुंवारा पंचमी का पार्वण श्राद्ध
- 12 सितंबर: षष्ठी का श्राद्ध
- 13 सितंबर: सप्तमी का श्राद्ध
- 14 सितंबर: अष्टमी का श्राद्ध
- 15सितंबर: नवमी का श्राद्ध
- 16सितंबर: दशमी का श्राद्ध
- 17 सितंबर: एकादशी का श्राद्ध
- 18 सितंबर: द्वादशी का श्राद्ध
- 19 सितंबर: त्रयोदशी का श्राद्ध
- 20 सितंबर: चतुर्दशी का श्राद्ध
- 21 सितंबर: सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या