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हिंसा एवं अपराध का रास्ता छोड़कर शाकाहारी बनें: पंकज महराज

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 हिंसा एवं अपराध का रास्ता छोड़कर शाकाहारी बनें: पंकज महराज



मछलीशहर, जौनपुर। ‘जगेगा भारत, जगेगा भारत, भारत जगाने आ रहा।’ परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज की भविष्यवाणी को साकार करते हुये जयगुरुदेव नाम की महिमा सुनाते हुये पूज्य पंकज जी महाराज अपने 122 दिनों की यात्रा के 75वें पड़ाव पर ग्राम बनगांव सरायबीका पधारे। अपने सत्संग सम्बोधन में महाराज जी ने कहा कि गृहस्थ आश्रम सबसे अच्छा आश्रम है। इसमें रहकर मेहनत एवं ईमानदारी से अपनी जीविका कमायें। थोड़ा समय निकालकर भगवान की भक्ति करके अपना आत्म कल्याण करा लें। स्मरण रहे कि पैदा होने से पहले सबने भगवान के भजन का वादा किया था लेकिन जब बड़े हुये तो सारा कौल करार भूलकर संसार और इसके सामान को इकट्ठा करने में लग गये। जब जाने का समय आया तो टकटकी लगा कर देखते हैं कि मौत की पीड़ा से कोई बचा ले।
उन्होंने कहा कि हिंसा, अपराध, अशुद्ध खान-पान से नफरत के सिवाय क्या मिला? पाप के भागीदार अलग से बन गये, इसलिये अनुरोध है कि हिंसा एवं अपराध का रास्ता छोड़कर शाकाहारी बनें। शाकाहारी हैं तो बहुत अच्छा इसका लाभ तो आप को समय देगा। हजारों गुनाहों की जननी शराब को त्यागें। आंखों में मां, बहन, बेटी की पहचान लायें। इससे समाज अच्छा चलेगा। अपने बनाये मंदिर को शुद्ध रखते हैं तो भगवान के बनाये मनुष्य मंदिर में मांस के लोथड़े और शराब के कतरे डालते हैं। इसकी बहुत बड़ी सजा मिलेगी। नर्कों का दृश्य, जब आप सुरत-शब्द योग की साधना करके दिव्य दृष्टि तीसरा नेत्र खोलेंगे तो दिखाई पड़ेगा। इसी यातना से बचाने और आत्म कल्याण के लिये संत महात्मा अथक परिश्रम व दया करते हैं।
इस अवसर पर ऋशिदेव श्रीवास्तव, मोहन लाल पाल, राजपति यादव, सहयोगी संगत बाराबंकी से रामचन्द्र यादव, श्रीपाल वर्मा, गुल्ले बाबा, शिवराज सिंह, डा. एस.एस. वर्मा, प्रेम सिंह, मो. ईशा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के बाद धर्मयात्रा अगले पड़ाव हेतु ग्राम चौकी खुर्द के लिये प्रस्थान कर गयी।

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