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भागवत कथा के मध्य में हुआ शिव—पार्वती का विवाह

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 भागवत कथा के मध्य में हुआ शिव—पार्वती का विवाह

जौनपुर। श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तृतीय दिवस तीर्थराज प्रयाग से पधारीं निकेता त्रिपाठी ने सर्वप्रथम परीक्षित जी को श्रृंगी ऋषि ने श्राप क्यों किया, इसकी कथा सुनाई। इसके बाद विदुर जी और विदुरानी जी की कथा सुनाई कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण उनके घर जाते हैं और केले के झिलके खाते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान हमारे भाव के भूखे होते हैं। हम उन्हें भाव से कुछ भी अर्पण करें। वह ग्रहण करते हैं। इसके बाद कथा में भोलेनाथ और मां पार्वती के विवाह की कथा सुनाई गई जिसे सुनकर भक्त भाव—विभोर हो गये जिसके बाद सुंदर झांकी के माध्यम से भोलेनाथ की बारात निकाली गई। धूमधाम से विवाह का उत्सव मनाया गया जिससे सभी भक्त आनंद विभोर हो गये। कथा का संचालन कर रहे नितिन जी ने बताया कि इस कथा के मुख्य यजमान अश्वनी सिंह हैं। उनके द्वारा यह बहुत ही सुंदर ही आयोजन किया गया है जिससे पूरे जौनपुर में यह आयोजन चर्चा का विषय बना हुआ है। इस अवसर पर अश्वनी सिंह समेत सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।

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